विश्वास
जानें, इस प्रकृति का कम्प्यूटर इसतरह सेट है कि यहां कभी किसी मनुष्य का स्थायी तौर
पर कुछ बुरा
हो ही नहीं सकता है। आपको जो बुरा हुआ दिखता है वह इसलिए कि आप अपनी सीमित
दृष्टि व मोह के
कारण वर्तमान के घाटे पर निगाह टिका देते हैं। यही आदत सुधारकर बुरे-से-बुरा
घटने पर भी यदि आप अपनी
निगाह उस घटना से होने वाले दूर के फायदे पर लगाना सीख जाएंगे
तो आप जल्द ही एक ऐसी राह पकड़
लेंगे कि जहां से आपके मन आपका बुरा होना ही बंद हो जाएगा।
और मनुष्य-जीवन में इससे बड़ी और कोई
उपलब्धि हो ही नहीं सकती है।
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दीप त्रिवेदी
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