यदि आप दुःखी व असफल हैं तो जरूर आप
में मानसिक ऊर्जा की कमी होगी। मानसिक ऊर्जा का अर्थ है देखते-सुनते और समझते ही बदलने
की क्षमता। यदि लाख अच्छी चीजें पढ़ने, सुनने या अनुभव करने के बाद भी आप में कोई बदलाहट
नहीं आती है, तो समझ लो कि आप में मानसिक ऊर्जा की कमी है।
और
यदि मानसिक ऊर्जा की कमी होगी तो छोटे-से-छोटा दुःख भी आप दिनों और महीनों झेलने पर
मजबूर होंगे। मामूली-सी बात आपको गहरी चिंता में डुबो देगी। यदि आप इस प्रकार की मानसिक
शिथिलता के शिकार हैं तो रोज पन्द्रह मिनट अच्छी सायकोलोजिकल बातें पढ़ें। क्योंकि मानसिक
शक्ति बढ़ाने का दूसरा कोई उपाय नहीं...।
- दीप
त्रिवेदी
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