Friday, September 19, 2014

मन की शक्ति के सामने शरीर की शक्ति कुछ भी नहीं


      मन, मनुष्य का वह शक्तिशाली उपकरण है जो शरीर को भी अपने नियंत्रण में रखता है। जिसका मन मजबूत होता है उसे बीमारियां भी आसानी से नहीं पकड़ती। कमजोर मन जरा-सा कुछ होते ही बीमारी पकड़ लेता है। यहां तक कि मन से कमजोर हो जाने पर मृत्यु भी निकट आ खड़ी हो जाती है। वहीं दूसरी ओर मन की शक्तियों की चर्चा करूं तो उसकी एकाग्र-शक्ति से लोगों ने एक-से-एक चमत्कार कर दिखाए हैं। रशिया में एक लड़की ने तो मन की एकाग्र-शक्ति से घड़ी की सूई रोककर भी दिखा दी थी व उसे तेजी से घुमाकर भी दिखा दी थी। वैसे ही कांच व जहर पचाना भी शरीर के बस का नहीं, लेकिन मन की शक्ति से लोगों ने यह भी बड़ी आसानी से कर दिखाया है।

       यह सब कहने का तात्पर्य सिर्फ इतना कि आप जमानेभर के हजारों फोकटी ज्ञान तो बंटोरते फिरते हैं, परंतु मन की शक्ति बढ़ानेवाली सायकोलोजिकल बातें पढ़ने में कोई रुचि नहीं दिखाते हैं। अब इसे बुद्धिमानी कहा जाए या लापरवाही, यह आप खुद तय कर लें।

       - दीप त्रिवेदी

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