आप किसी से भी पूछो वह काम करना, पैसे कमाना,
रिश्ते बनाना सबकुछ जानता है। परंतु उनसे पूछो भाई, क्या आप अपनी चिंता से छुटकारा
पाना जानते हैं? क्रोध कहां से और क्यों आता है, यह जानते हैं? दुःख पकड़े ही न, वह
कला जानते हैं?
अब
बताओ कि यदि जीवन में क्रोध, चिंता व दुःख के कारण व उनके उपाय ही नहीं जानते तो फिर
आप अन्य सब क्या और कितना जानते हैं; इसका महत्व ही क्या रह जाता है? इसीलिए रोज आधा
घंटा अच्छी सायकोलोजी पढ़ने की आदत डालें, क्योंकि श्रेष्ठ सायकोलोजी ही आपको यह सब
सिखा सकती है।
दीप त्रिवेदी
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