निश्चित ही हर बच्चा हजारों उम्मीदें पाले बड़ा किया जाता है। बच्चा भी महान बनने की इच्छाएं पाले बढ़ रहा होता है। परंतु फिर बड़े होते-होते सब गड़बड़ हो जाती है। महान व बड़ा कार्य करना तो छोड़ो, उससे छोटे-मोटे कार्य भी ठीक से नहीं होते हैं।
ऐसा क्यों...? क्योंकि बच्चे को बचपन से राह ही उलटी पकड़ा दी जाती है। बड़ी-बड़ी बातों और तगड़े एचीवमेन्टस् के चक्कर में छोटे-मोटे कार्य को वह महत्व देना ही बंद कर देता है। लेकिन जीवन में देर कभी नहीं होती है, यदि आप आज से शुरू करेंगे तो भी उम्मीद है ही। ध्यान सिर्फ इतना रखो कि कोई भी बड़ा व महान कार्य हजार छोटे-छोटे कार्य करके ही पूरा किया जाता है। अतः उस कार्य के एचीव होने के सपने देखने की बजाए उस हेतु हर किए जाने वाले छोटे-से-छोटे कार्य को ध्यान से करना शुरू कर दो। बस आसानी से उन सबके जोड़ से बड़ा कार्य सफलतापूर्वक निपट जाएगा। यह बात सिर्फ ऊंचे व महान कार्यों हेतु ही नहीं है, बल्कि जीवन में सर पर आ जाने वाले सभी बड़े कार्यों हेतु भी यही नियम है। फिर चाहे आप अपना मकान बनवा रहे हों या घर पे किसी बड़े फंक्शन की तैयारी में लगे हों। कोई बड़ा बिजनेस असाइनमेन्ट पूरा कर रहे हों या अपना वार्षिक एकाउन्ट बना रहे हों। ये सारे कार्य भी हजार छोटे कार्य ध्यानपूर्वक करके ही सफलतापूर्वक पार पाड़े जा सकते हैं। सो उम्मीद है कि यह राज जानने के बाद आप छोटे-छोटे हजार कार्य ध्यान से करने की आदत डालकर बड़े कार्य सफलतापूर्वक निपटाने की यह आर्ट सीख जाएंगे।
- दीप त्रिवेदी
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