Sunday, September 28, 2014

आपकी तमाम एक्सपर्टीज क्या करेगी यदि आपमें अपने को मैनेज करने की एक्सपर्टाइज नहीं!


आप जीवन में कितनी ही डिग्रियां ले लें, या फिर कितने ही कार्यों में पारंगत हो जाएं या चाहे कितना ही कमा लें, परंतु ये तमाम डिग्रियां और ये सारे एचिवमेन्ट बेकार हो जाते हैं यदि आपके पास “मैनेजमेंट ऑफ सेल्फ” का सलीका नहीं।

      मानो आप इकॉनोमिक्स के मास्टर हैं, पॉलिसी बनाने में आपको माहिरात हासिल है, आप अपनी इस क्षमता के बल पर रिजर्व बैंक के गवर्नर भी बना दिए गए...और आज आपकी पॉलिसी तय करने हेतु पहली मीटिंग है। आपमें प्रतिभा की कोई कमी नहीं, आप श्रेष्ठ पॉलिसी बनाकर अपनी क्षमता दिखाने को भी कटिबद्ध हैं, परंतु घर से निकलते वक्त सुबह-ही-सुबह आपका अपनी पत्नी से झगड़ा हो गया। बस पूरी मीटिंग आपके भीतर आपकी पत्नी द्वारा कहे गए कटु वचन चलते रहे और आप मीटिंग में कुछ नहीं कर पाए। यहां तक कि आपके सहयोगियों को तो आपकी गलत नियुक्ति होने तक का एहसास हो गया।

      सोचो, आपके साथ भी ऐसा हजारों बार होता ही होगा। आपकी सारी एक्सपरटाइज उस समय धरी-की-धरी रह जाती होगी जब आपके सेल्फ पर कोई हमला करता होगा। अतः यह समझ लें कि बाहर की सारी एक्सपर्टीझ तभी परिणाम ला सकती है जब आपको अपने को मैनेज करते आता हो। ...और अपने को मैनेज करना सिर्फ अच्छी सायकोलोजी ही सिखा सकती है। सो अच्छी सायकोलोजी पढ़ने की आदत डालो और जीवन में आगे बढ़ो।

-  दीप त्रिवेदी 

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