Friday, December 19, 2014

क्या आप ऊपर उठना चाहते हैं? तो उसका एक ही उपाय है


आप यह तो जानते ही हैं कि पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण किसी को उठने नहीं देता। वैसे ही संसार के भी अपने हजारों गुरुत्वाकर्षण हैं जो मनुष्य को ऊपर उठने ही नहीं देते। जैसे जो वस्तु जितनी भारी उसपर उतना ही पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण प्रभावी हो जाता है, वैसे ही जिस मनुष्य ने जितना भार उठा रखा है उतना ही वह संसार के गुरुत्वाकर्षण से खिंचता चला जाता है। फिर वह भार आपने धर्म व परंपराओं का उठा रखा हो या रिश्तों का। फिर वह भार आपने अपनी इच्छाओं का उठा रखा हो या फिर अपने अहंकार का, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। ...आपने जितने भार उठा रखे होंगे उसी अनुपात में संसार में कीड़े-मकोड़ों की तरह रेंगने पर मजबूर होंगे। ...कभी ऊपर नहीं उठ पाएंगे। और यदि आप वाकई ऊपर उठना चाहते हैं, आप वाकई महान व बड़ा बनना चाहते हैं तो संसार के बोझ उठाओ ही मत। जो महान व सफल हुए हैं उनका जीवन पढ़ो और जानो कि कितने हल्के थे वे...। ध्यान रखो कि जीवन ऊंची पहाड़ी पर चढ़ने जैसा है, बोझ ज्यादा होगा तो थक जाओगे, गिर जाओगे, बेहोश हो जाओगे पर पहाड़ी कभी नहीं चढ़ पाओगे।
दीप त्रिवेदी

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