अर्जुन जब कौरवों की सेना देख भ्रमित हो गया,
युद्ध से भागने की बात करने लगा, युद्ध न करना पड़े उसके हजार कारण गिनाने लगा, तब कृष्ण
ने क्या कहा था वह याद करो।
कृष्ण
ने कहा थाः
हे
अर्जुन! तू पाप-पुण्य, मान-अपमान व सफलता-असफलता को समान समझकर युद्ध कर। इस तरह युद्ध
करने से तू पाप को प्राप्त नहीं होगा।
मैं
कहता हूँ कि कृष्ण के बताए इन तीनों पैरामीटरों को अपना लो, फिर युद्ध क्या आप कुछ
भी करेंगे...पाप को प्राप्त नहीं होंगे। और इन तीनों को अपनाए बगैर आप कुछ भी करेंगे
आप से रत्तीभर पुण्य नहीं होने वाला। कृष्ण ने अर्जुन से इशारे में कहा, मैंने थोड़ा
विस्तार कर दिया। ...बाकी तो आप खुद समझदार हैं।
-
दीप त्रिवेदी
No comments:
Post a Comment