मध्यप्रदेश सरकार का यह निर्णय कि अब से मदरसा में गीता की कहानियां सुनाई जाएगी, मुझ जैसे गीता के बड़े प्रशंसक को भी आश्चर्य में डालने वाला है। समझ नहीं आ रहा कि यह निर्णय कर मध्यप्रदेश सरकार सिद्ध क्या करना चाहती है? गीता के अठारहवें अध्याय में कृष्ण ने अर्जुन से स्पष्ट कहा है कि हे अर्जुन - गीता का यह उपदेश ना सुनने की इच्छा वाले को जबरदस्ती कभी नहीं सुनाया जाना चाहिए। तो क्या मदरसा में लोग अपनी मरजी से गीता सुनने वाले हैं? उस हेतु तो वैसे भी वे स्वतंत्र हैं। क्या सरकार का यह निर्णय कृष्ण की समझ पर शंका नहीं? क्या किसी भी प्रकार की जबरदस्ती को सिवाय रेप की कोशिश के और कुछ कहा जा सकता है?
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