क्या आपने क्राइस्ट, बुद्ध, कबीर, सोक्रेटिज या मन्सूर वगैरह
के कभी मंदिर, मस्जिद या चर्च जाने की कोई दास्तान सुनी है? नहीं, सवाल ही नहीं उठता।
वे जाते होते तो आप उन्हें मारते या सताते ही क्यों?
इस एक सत्य में धर्म का पूरा सार आ गया। समझ
सको तो समझ लो, वरना जो करते आ रहे हो...करते रहो। आपकी मर्जी...।
- दीप त्रिवेदी
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