दुनिया में तीन स्तर के मनुष्य होते हैं। पहले स्तर का व्यक्ति हर बुरा होने पर उसमें दूसरे का दोष देखता है। उससे बेहतर वह होता है जो हर असफलता के पीछे अपनी कोई गलती देखता है। लेकिन श्रेष्ठ सोच का व्यक्ति वह है जो अपने साथ घटी हर अच्छी-बुरी घटना को अपने साथ हुए एक न्याय की तरह देखता है।
- दीप त्रिवेदी
No comments:
Post a Comment