Saturday, November 1, 2014

दीवानगी नहीं तो सफलता कैसी?


दीवानगी का अर्थ है किसी व्यक्ति, विचार, कार्य या कला में इतना डूब जाना कि अपने अस्तित्व तक की खबर न रह जाए। और कोई भी बड़ा परिणामकारी कार्य तभी होता है जब मनुष्य अपना अस्तित्व मिटाकर उसमें डूब जाता है। एडीसन के प्रयोग हों या माइकल जैक्सन के नृत्य सब ऐसी ही दीवानगी के परिणाम हैं। बुद्ध का संबोधन हो या कृष्ण के रास, वे सब भी इसी दीवानगी के उदाहरण हैं।

क्या आप मरने से पूर्व कुछ ऐसा यादगार करना नहीं चाहते हैं? यदि चाहते हैं तो इंतजार किस बात का? खोजो, किस चीज से या किस चीज के दीवाने बन सकते हो। और बन जाओ...। वादा करता हूँ कि बन गए तो इतिहास में अमर हो जाओगे।

- दीप त्रिवेदी

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