- ए चल दूर हट यहां से
मुझे तुझे देखते ही कुछ-कुछ होता है
तू मेरे जीवन के सबसे हसीन वर्ष खा गई।
- अरे, आप ऐसा क्यों
कहते हैं?
मैं आपकी डिग्री हूँ
जब पहली बार मिली थी
तब कितने चाव से आपने मुझे दीवारों पर लटकाया था
पन्द्रह-बीस वर्ष आपने मुझे पाने हेतु कितनी मेहनत
की थी।
फिर आज क्या हो गया?
- क्या हो गया?
अरे, तुझे पाने में मैंने सोलह वर्ष बर्बाद किए
और
आज एनकैश करने की कोशिश कर रहा हूँ
तो तू रोटी की जुगाड़ करने के भी काम नहीं आ रही।
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