निश्चित ही आज का दिन हर भारतीय के लिए बड़ा महत्वपूर्ण है।
विश्व की सबसे बड़ी सॉफ्टवेअर कंपनी का CEO हैदराबाद में जन्में एक भारतीय को बनाया
गया। निश्चित ही इसके लिए सर्वप्रथम सत्या नाडेला की प्रतिभा सराहना के काबिल है।
लेकिन इस एक डेवेलपमेंट के पीछे छिपे कई सायकोलोजिकल
सत्यों को समझना भी जरूरी है। क्योंकि इसमें हमारे लिए कई सबक छिपे हुए हैं। और उनमें
से सबसे बड़ा रहस्य तो अमेरिका की प्रगति का छिपा हुआ है। क्योंकि यह सोचने वाला विषय
है कि महज 650 वर्ष पूर्व खोजा गया अमेरिका विश्व की सबसे बड़ी सत्ता कैसे हो गया?
तो, यह अमेरिकी समाज की उदारता ही है कि वहां
धार्मिक और जातिगत विचारों से परे हटकर योग्य व्यक्ति को ऐसे उच्च पद से नवाजा जा सकता
है। क्योंकि वहां महत्व प्रतिभा का है, व्यक्ति के धर्म, जात या देश का नहीं। जबकि
हमारे यहां धर्म व जाति के साथ-साथ परिवारवाद तथा अपने-पराए का भी बड़ा भेद है। हम हिंदू-मुस्लिम
व भारतीय-पाकिस्तानी में ही उलझकर रह जाते हैं। प्रतिभा पर रिश्तों को तवज्जो देते
हैं। हम देशी और विदेशी के चक्कर में रह जाते हैं। नहीं! हम सभी मनुष्य हैं, तथा महत्व
मनुष्य की प्रतिभा तथा उसके गुणों का ही है। जब तक हम भी ऐसी उदारता नहीं अपनाते, विश्व
की सबसे पुरानी संस्कृति होने के बाद भी हम आसमान की ऊंचाइयां नहीं छू पाएंगे। सो आओ,
इस एक उदाहरण से हम भी अपने में आवश्यक सुधार लाएं और अपने देश को विश्व का सबसे श्रेष्ठ
राष्ट्र बनाएं।
- दीप त्रिवेदी
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