Monday, May 5, 2014

नए तरीके से सोचने की आदत डालो और अपनी इंटेलिजेंस जगाओ



क्योंकि यह मनुष्य की इंटेलिजेंस ही है जो उसके जीवन की राह तय करती है। और यहां यह स्पष्ट कर दूं कि इंटेलिजेंस का डिग्रियों या परसेन्टेज से कुछ लेना-देना नहीं। इंटेलिजेंस है देखने की वह दृष्टि जहां से सारे बेकार छूट जाते हैं।

          तो आज मैं एक विषय पर प्रकाश डालना चाहता हूँ, थोड़ा उसपर एक नई दृष्टि घुमाने की कोशिश करो। पिछले कम-से-कम 5000 वर्षों से भगवान व पूजाएं अस्तित्व में है। मान्यता का आधार यह है कि भगवान सर्वशक्तिमान है और धर्म दुःख-दर्द दूर करने में सक्षम है। सौ में से निन्यानवे धर्म निभाते हैं व भगवान में भी आस्था रखते हैं। फिर क्यों एक लाख में से एक सफल है और हजार में एक सुखी है? कहीं सुख और सफलता का मार्ग कोई दूसरा तो नहीं? होना ही चाहिए, सोचो...।

          धर्म के ठेकेदारों की तरह यह मत कहना कि सब कर्मों का फल है। क्योंकि 1000 में से 999 के कर्म खराब हो, इन्सान ऐसा तो नहीं ही है। उनको तो अपनी दुकानें बचाने के लिए यह कहना पड़ता है, परंतु आपको तो अपना जीवन बचाना है; सो इनके वाग्जाल में पड़ने के बजाए इस पर गहरा चिंतन करना। ...ध्यान रखना, सवाल आपके जीवन का है।

    - दीप त्रिवेदी


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