Friday, May 9, 2014

क्या क्षमता होने के बावजूद बात नहीं बन रही कारण मैं बताता हूँ


आप अकेले नहीं हैं, संसार ऐसे हजारों-लाखों लोगों से भरा हुआ है। क्योंकि कोई समझता ही नहीं कि क्षमता होना एक बात है और वह क्षमता उपयोग में आना दूसरी बात है। समझते क्यों नहीं कि क्षमता आपकी इंटर्नल स्टे्रन्थ हुई परंतु उसे प्रकट तो बाहर ही होना होता है। और बाहर का जगत नियम से चल रहा है। वहां किसी का छीन के, किसी को पछाड़ के, अपनी होशियारी से किसी को मूर्ख बनाकर उस महासत्ता का साथ नहीं पाया जा सकता है। जबकि उसका साथ पाए बगैर जीवन में कुछ बड़ा किया नहीं जा सकता है। और दिक्कत यह है कि दिखावे के लिए पूजा-पाठ करने से या मंदिर-मस्जिद-चर्च हो आने से वह पटता नहीं है। उसका गणित तो सीधा और साफ है, वहां तो क्षमता भी आपको अपने बलबूते पर अपने भीतर ही पैदा करनी है, तथा उसका साथ पाने हेतु शुद्धता भी आपको अपने भीतर स्वयं पैदा करनी है। और जब तक इन दोनों का मिलन नहीं हो जाता, जीवन में कुछ भी धमाकेदार संभव नहीं। मन की शुद्धता के बगैर अकेली क्षमता इतने विशाल जगत में भाड़ नहीं झोंक सकती।

   ...उम्मीद है कि क्षमता होने के बावजूद कोई बात नहीं बन रही होने के कारण व उपाय दोनों आप समझ गए होंगे।

   - दीप त्रिवेदी


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