Saturday, September 21, 2013

मेरी सज्जनता...!

यह तो मैं सज्जन हूँ
जो दाल-रोटी हेतु दो-पांच सौ करोड़ की जमीन इधर-उधर करके
संतोष से बैठ गया हूँ।
अरे वरना हुड्डा का साथ हो, सर पर बड़े-बड़ों का हाथ हो
और उन हाथों के साथ करोड़ों और हाथ हो
तो ऐसे में दूसरा कोई होता तो पूरा हरियाणा
अपने नाम न करवा लिया होता?

...फिर भी मेरी सज्जनता का उदाहरण प्रस्तुत करने की बजाए
मेरे पीछे पड़ गए हो
मुझे लोभी और भ्रष्टाचारी कहकर बदनाम कर रहे हो।
यह ज्यादती नहीं तो और क्या है?


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