जिसके पास सर्वशक्तिमान भगवान हो
उसे दूसरों के पैसे से आश्रम बनवाने की क्या आवश्यकता?
इसके तो दो ही अर्थ हो सकते हैं
या तो उनके पास भगवान नहीं या फिर भगवान सर्व-शक्तिमान नहीं
अब वे तो सत्य बताएंगे नहीं
परंतु आप सच समझ लोगे तो आपका जरूर उद्धार हो जाएगा।
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