- चलो रामजी, मैं आपको लेने आया हूँ।
- क्या फिर चुनाव आ गए?
- हां!
- यह आपके नेता हर चुनाव के वक्त मुझे अयोध्या से उठाकर
भारत-भ्रमण पर क्यों ले जाते हैं?
- ताकि हमारी सीटें बढ़ सके।
- जब मैं इतने काम का हूँ तो फिर चुनाव के बाद आप लोग मुझे
अयोध्या वापस क्यों छोड़ जाते हो? मुझे अपने साथ क्यों
नहीं रखते?
- कैसे रखें? यह पोलिटिक्स है, आप नहीं समझेंगे। दरअसल
चुनाव के बाद हमें बाकी दलों का सहयोग चाहिए होता है। और
आपको साथ रखना उसमें बाधक सिद्ध होता है।
- चलो, यह तो समझे। पर क्या जनता बार-बार तुम्हारे झांसे में
आ जाती है।
- अब वह आए या नहीं, परंतु हम नेता लोग तो चुनावी स्ट्रेटेजी
उन्हें मूर्ख मानकर ही बनाते हैं।
© Daily Blog @ www.deeptrivedi.com
- क्या फिर चुनाव आ गए?
- हां!
- यह आपके नेता हर चुनाव के वक्त मुझे अयोध्या से उठाकर
भारत-भ्रमण पर क्यों ले जाते हैं?
- ताकि हमारी सीटें बढ़ सके।
- जब मैं इतने काम का हूँ तो फिर चुनाव के बाद आप लोग मुझे
अयोध्या वापस क्यों छोड़ जाते हो? मुझे अपने साथ क्यों
नहीं रखते?
- कैसे रखें? यह पोलिटिक्स है, आप नहीं समझेंगे। दरअसल
चुनाव के बाद हमें बाकी दलों का सहयोग चाहिए होता है। और
आपको साथ रखना उसमें बाधक सिद्ध होता है।
- चलो, यह तो समझे। पर क्या जनता बार-बार तुम्हारे झांसे में
आ जाती है।
- अब वह आए या नहीं, परंतु हम नेता लोग तो चुनावी स्ट्रेटेजी
उन्हें मूर्ख मानकर ही बनाते हैं।
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