Thursday, May 1, 2014

लेजेन्डरी सिंगर मन्नाडे को मेरा भावपूर्ण सलाम


मन्ना दा के बारे में या उनकी गायकी के बारे में कुछ भी कहने के लिए मैं बहुत छोटा पड़ता हूँ। यूं भी हर सच्चा कलाकार भगवान का साक्षात् स्वरूप होता है। लोगों को जितना चैन और सुकून एक सच्चे कलाकार से मिलता है, उतना किसी और से नहीं मिलता। और यही कारण है कि हृदय से सच्चा प्यार भी एक कलाकार को ही मिलता है। यह मेरी खुशकिस्मती है जो अभी तीन वर्ष पहले मुंबई में हुई मन्ना दा की अंतिम नाइट-शो देखने का अवसर मुझे मिला था। कमाल था! 91 वर्ष की उम्र में भी उन्होंने करीब 40 गाने सुनाए थे। एक यही स्पीरिट और स्वस्थता हम मन्ना दा से सीख लें, उन्हें इस बाबत ही अपना गुरु बना लें; ...तो इतने से ही हमारा जीवन सार्थक हो जाएगा।

      बाकी तो...मन्ना दा के गाने और उनकी मिठास का तो कहना ही क्या! न जाने आने वाली कितनी पीढ़ियां कितने वर्षों तक उनके गाने गुनगुनाती रहेगी। मैं और तो क्या कहूं मन्ना दा के बारे में, सिर्फ उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप उनके दस पॉप्युलर गानों की लिंक आप लोगों से शेयर कर रहा हूँ:

 1.   प्यार हुआ इकरार हुआ    (श्री 420)                
 2.   ऐ मेरी जोहराजबीं           (वक्त)
 3.   यारी है ईमान मेरा यार      (जंजीर)
 4.   लागा चुनरी में दाग         (दिल ही तो है)
 5.   दिल का हाल सुने दिल वाला (श्री 420)
 6.   ऊपर गगन विशाल         (मशाल)
 7.   भय भंजना वंदना सुन हमारी (बसंत बहार)
 8.   कस्मे-वादे प्यार वफा       (उपकार)
 9.   ऐ मेरे प्यारे वतन            (काबुलीवाला)
 10. झूमता मौसम मस्त महीना (उजाला)
  
          - दीप त्रिवेदी

No comments:

Post a Comment