सब हमें बड़ा प्यार करते हैं। कहते हैं कि बच्चे भगवान का स्वरूप होते हैं। लेकिन फिर भी हमें अपने हिसाब से नहीं जीने दिया जाता है। भगवान के स्वरूप बच्चों को उनकी रुचि का क्षेत्र नहीं चुनने दिया जाता है। यह कहां का इन्साफ हुआ?
हमें अपनी राह चुनने का और गिर के सम्भलने का पूरा अधिकार है। आखिर हम भी अपना जीवन संवारना चाहते हैं। हमें अपनी जवाबदारी उठाने दो। हमें भी गिरकर सम्भलने का और अनुभव से सीखने का अधिकार है। हमें सामान्य मनुष्य बनाने की या किसी की फोटोकॉफी बनाने की कोशिश मत करें। हम कुछ नया व धमाकेदार करने इस विश्व में आए हैं। हमारे लिए तो हमें कभीकबार किसी अच्छी राह का इशारा ही कर दें, काफी है। ...पर निर्णय हमें लेने दें। आज चिल्ड्रन-डे पर हम बच्चे यही निवेदन करते हैं कि हमें अपने जीवन की राह स्वतंत्रतापूर्वक चुनने दें।
हमें अपनी राह चुनने का और गिर के सम्भलने का पूरा अधिकार है। आखिर हम भी अपना जीवन संवारना चाहते हैं। हमें अपनी जवाबदारी उठाने दो। हमें भी गिरकर सम्भलने का और अनुभव से सीखने का अधिकार है। हमें सामान्य मनुष्य बनाने की या किसी की फोटोकॉफी बनाने की कोशिश मत करें। हम कुछ नया व धमाकेदार करने इस विश्व में आए हैं। हमारे लिए तो हमें कभीकबार किसी अच्छी राह का इशारा ही कर दें, काफी है। ...पर निर्णय हमें लेने दें। आज चिल्ड्रन-डे पर हम बच्चे यही निवेदन करते हैं कि हमें अपने जीवन की राह स्वतंत्रतापूर्वक चुनने दें।
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