Monday, January 27, 2014

धन्यभागी हैं वे जिन्हें उर्दू-हिंदी आती है आओ हम सब मिलकर उसका फायदा उठाएं


मनुष्य का जीवन वास्तव में पूरा-का-पूरा उसके मन व हृदय की गहराइयों में छिपा होता है। और यह सत्य है कि मन, हृदय व जीवन की जितनी बारीकियों को उर्दू-हिंदी के कवि तथा शायरों ने समझा है, उतना किसी भी अन्य भाषा के कवि या शायरों ने नहीं समझा है। मन की गहराइयों में अनुभव होने वाले जो भी भाव हैं तथा उनकी जो भी तमाम बारीकियां हैं उसे अभिव्यक्त करने के लिए जितने शब्द हिंदी और उर्दू में हैं; उतने संसार की किसी भी भाषा में नहीं है। यदि एक वाक्य में कहूं तो मनुष्य के मन, हृदय व उनमें अंगड़ाई लेती भावनाओं का जो चित्रण हिंदी-उर्दू कविता व शायरियों में मिलता है, उसके सामने पूरे विश्‍व का काव्य काफी बौना नजर आता है।

      आज मैं इस बात का उल्लेख विशेष रूप से इसलिए कर रहा हूँ कि जैसे शरीर को चलाने के लिए अच्छी खुराक व विटामिन्स की आवश्यकता होती है, वैसे ही मनुष्य के मन, बुद्धि व हृदय को भी आनंद, शांति व सफलता प्रदान करने के लिए अच्छी बातों की व अच्छे सायकोलोजिकल ज्ञान की आवश्यकता होती है। जैसे शरीर के संबंध में कहा जाता है कि जैसा अन्न- वैसी डकार, वही बात मनुष्य के मन-बुद्धि व हृदय पर भी लागू होती है। जितना अच्छा अन्न आप अपने मन-बुद्धि-हृदय को देंगे उतने ही प्रभावी तरीके से यह सब मिलकर आपके जीवन को सुख, शांति व सफलता के मार्ग पर लगा पाएंगे।

      और हिंदी-उर्दू भाषा में ऐसे अन्न की कोई कमी नहीं। हजारों तरीके की लाखों खूबसूरत कविताएं व शायरियां उपलब्ध हैं। परंतु दुर्भाग्य से आजकल हिंदी-उर्दू में भी इनका स्तर बुरी तरह से गिरता जा रहा है, और उससे भी ज्यादा दुर्भाग्य की बात यह कि युवा उनकी तरफ आकर्षित भी हो रहा है। ...नहीं! अपने मन, बुद्धि व हृदय को खराब खुराक दो ही मत। खराब खुराक उनके लिए कैन्सर को न्योता देने समान है। सच कहूं तो आजकल बढ़ा इतना फ्रस्ट्रेशन व इतनी असफलता इसी का परिणाम है।

      खैर, मुख्य बिंदु पर आऊं तो मेरा इतनी बात कहने का मतलब यह कि मैं नियमित सायकोलोजिकल ब्लॉग तो लिख ही रहा हूँ, परंतु अब मैंने तय किया है कि हिंदी-उर्दू की बेहतरीन शायरियां व कविताएं भी आपके साथ शेअर करूं क्योंकि मैं बचपन से ही उनका दीवाना रहा हूँ। वे मेरे जीवन को बढ़ाने हेतु बड़ी प्रेरणादायक रही हैं। और शायद ऐसी बहुत कम बेहतरीन शायरी या कविता होगी जो मेरे जहन में ताजा न हो। उम्मीद है मेरा यह नया कदम आपके मन, बुद्धि व हृदय को आवश्यक खुराक प्रदान करेगा। कोशिश तो यह भी करूंगा कि इन हसीन व गहरे अर्थों वाली शायरियों व कविताओं को खूबसूरत स्केच का सपोर्ट दे सकूं, ताकि इन्हें पढ़ना आपके लिए एक यादगार अनुभव हो जाए।

      धन्यवाद!
      दीप त्रिवेदी


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