लुइस केरोल एक ख्यातिप्राप्त इंग्लिश लेखक और गणितज्ञ थे जिन्हें
खासतौर से उनकी लिखी एक बालकथा ‘एलिस एडवेंचर इन वंडरलैंड’ के लिए याद किया जाता है।
इनका जन्म 27 जनवरी सन 1832 में इंग्लैंड के डेसबरी
नामक गांव में एक पादरी के घर हुआ था तथा इनका नाम चार्ल्स लुडविग डॉडसन रखा गया था।
वे फ्रांसिस जेन लुडविग और उनके पति चार्ल्स डॉडसन की ग्यारह संतानों में तीसरी तथा
सबसे बड़े बेटे थे। तर्क, शब्दों के खेल और कल्पना करने में माहिर इस व्यक्ति ने अपने
जन्मनाम चार्ल्स लुडविग डॉडसन (Charles Lutwidge Dodgson) के अक्षरों में फेरबदल कर
अपना एक नया उपनाम ‘लुइस केरोल’ (Lewis Carroll) रख लिया।
‘द हंटिंग ऑफ द स्नेर्क एण्ड जॅबरवोकी’ जैसी उनकी
कविताओं को ‘लिटररी नॉनसेंस’ की शैली की बेहतरीन कविताओं में गिना जाता है। विक्टोरियन
लेखकों से विपरीत इनके उपन्यास शिक्षाप्रद बाल-साहित्य से बिल्कुल अलग होते थे। विक्टोरियन
बाल-साहित्य जहां शिक्षाप्रद व परीकथाओं जैसे थे तो ये केरोल के लिखे साहित्य ही थे
जिन्होंने बाल-साहित्य की ओर देखने के हमारे नजरिए का विस्तार किया। इनके लेख आपको
आकर्षित करेंगे, चुनौती देंगे, हर्षित करेंगे और आखिरकार आपको आश्चर्यचकित भी कर देंगे।
ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी से स्नातक तथा उसी युनिवर्सिटी
में गणित व तर्कशास्त्र के अध्यापक, एंग्लिकन चर्च के पादरी, एक बेहतरीन फोटोग्राफर,
एक बहुरंगी विधा के लेखक और बहुमुखी प्रतिभासंपन्न लुइस केरोल का निधन लगभग छियासठ
वर्ष की आयु में सन 1898 में हुआ तथा ये अपने पीछे एक समृद्ध कल्पनालोक को छोड़ गए जो
बच्चों को नित नई कुतूहलता प्रदान करता है।
आज उनके जन्मदिन पर, चलिए हम प्रेमपूर्वक उन्हें
याद करें और उनकी कृतियों का अनुसरण करते हुए कुछ अलग, कुछ हटकर करने का प्रयत्न करें।
- दीप त्रिवेदी
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