यह तो आप जानते ही हैं कि जिस व्यक्ति की जितनी उम्र होती है, उतने ही उसके जीवन में नए वर्ष के दिन आते हैं। पर यह नया वर्ष होता क्या है? यदि आप यह नहीं जान पाते हैं तब तो यह भी वास्तव में आपके जीवन से एक आम दिन की तरह ही गुजर जाता है। और सच कहूं तो अधिकांश लोगों के साथ यही हो रहा है। वे समझते हैं कि रात को देर तक जागने, नाचने व पार्टी मनाने से उन्होंने यह दिन साकार कर दिया। पार्टी मनाना और आनंद करना हमेशा अच्छा है, पर वह तो आप रोज कर सकते हैं। चलो, नया वर्ष विशेष दिन है, कुछ ज्यादा नाच लो। लेकिन इतना-मात्र मेरा महत्व नहीं है। मैं दरअसल तो मनुष्य के जीवन का एक बहुत बड़ा अवसर हूँ। साल में एकबार आता हूँ, और आता यह याद दिलाने हूँ कि सबसे पहले आप पिछले वर्ष क्या-क्या किया उसका लेखा-जोखा कर लें। और मेरे आने से पूर्व अगले पूरे वर्ष आप क्या-क्या करना चाहते हैं, यह तय कर लें।
क्योंकि मनुष्य-जीवन का अंतिम पड़ाव मौत है। और मरने से पूर्व जमकर जीना और कुछ बड़ा व धमाकेदार करना उसके जीवन का मकसद है। लेकिन दिन फटाफट आते और जाते हैं इसलिए वह अपने मकसद में ठहर नहीं पाता है। परंतु मैं साल में एकबार आता हूँ, अतः वह शांति से एकान्त में अपने साथ कुछ वक्त गुजारकर आने वाले पूरे 365 दिन क्या-क्या करना व क्या-क्या नहीं करना सबकुछ तय कर सकता है। कौन-सी राह डटकर पकड़ लेना यह इरादा बना सकता है। और यही मेरा असली महत्व है। खूब नाचो-कूदो, मैं इंकार नहीं करता; परंतु साथ में यह भी याद रखो कि मैं वर्ष में एकबार आता हूँ। और आपका डिटरमिनेशन भी मेरे आगमन पर सबसे ज्यादा मजबूत होता है। अतः बस मेरे महत्व पर गौर करने की बात है, आप अपना पूरा वर्ष अच्छे से प्लान कर सकते हैं। यह तय कर सकते हैं कि पिछले वर्ष की गलतियां नहीं दोहरानी है। कुल-मिलाकर नया वर्ष, यानी मैं ही वो दिन हूँ जिस दिन आप अपने जीवन बाबत बहुत से सकारात्मक रिजोल्यूशन्स ना सिर्फ पास कर सकते हैं, बल्कि दृढ़तापूर्वक उनपर अमल भी कर सकते हैं। यदि आपने मेरा इस तरह उपयोग किया तो मैं समझूंगा कि आपने नया वर्ष अच्छे से मनाया, वरना सिर्फ नाच-गान में बर्बाद किया। अतः नए वर्ष की धूम खूब मनाओ, परंतु साथ में दृढ़तापूर्वक अपने आने वाले वर्ष के बाबत कुछ अच्छे रिजोल्यूशन्स भी पास करो। ...तभी मैं दिल से कहूंगा कि आपने मेरा स्वागत ठीक से किया।
- दीप त्रिवेदी
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